Higher Education के लिए Education Loan : कितना, कहां और कैसे मिलेगा?


हर माता-पिता चाहते हैं कि उनके बच्चे को बेहतर से बेहतर शिक्षा मिले, लेकिन आज की तारीख में उच्च शिक्षा का खर्च लगातार बढ़ता जा रहा है। ऐसे में माता-पिता की सालों की सेविंग्स भी कई बार कम पड़ जाती हैं। खासकर जब बच्चा विदेश में पढ़ाई का सपना देख रहा हो या फिर किसी प्राइवेट यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेना चाहता हो, तो फीस और अन्य खर्चे बहुत ज़्यादा हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में एजुकेशन लोन एक बड़ी मदद बन सकता है।

एजुकेशन लोन क्यों जरूरी है?

आजकल कई बैंक और फाइनेंशियल संस्थान एजुकेशन लोन की सुविधा दे रहे हैं ताकि पैसे की वजह से किसी भी बच्चे की पढ़ाई बीच में न रुके। सरकार ने भी एजुकेशन लोन को प्रोमोट करने के लिए इसकी प्रक्रिया को पहले से काफी आसान बना दिया है।

1. कौन ले सकता है एजुकेशन लोन?

एजुकेशन लोन आमतौर पर छात्र के नाम पर दिया जाता है।

हालांकि, गारंटर के तौर पर माता-पिता या अभिभावक का नाम जरूरी होता है।

आवेदक को भारतीय नागरिक होना चाहिए।

भारत में या विदेश में पढ़ाई करने वाले छात्र भी इस लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं।


2. कितना लोन मिलता है?

भारत में पढ़ाई के लिए अधिकतम ₹50 लाख तक का लोन मिल सकता है।

विदेश में पढ़ाई करने के लिए ₹1 करोड़ तक का एजुकेशन लोन संभव है।

₹4 लाख तक का लोन बिना किसी सिक्योरिटी के मिल जाता है।

₹4 लाख से ₹6.5 लाख तक के लोन के लिए गारंटर की जरूरत होती है।

₹6.5 लाख से ज्यादा के लोन पर कोई प्रॉपर्टी या एसेट गिरवी रखनी पड़ सकती है।


3. किन कोर्सेस के लिए मिलता है लोन?

एजुकेशन लोन फुल टाइम, पार्ट टाइम और वोकेशनल कोर्स के लिए लिया जा सकता है।

इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, मेडिकल, आर्किटेक्चर, लॉ, होटल मैनेजमेंट जैसे प्रोफेशनल कोर्सेस के लिए आसानी से लोन उपलब्ध होता है।

ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन, डिप्लोमा और कुछ विशेष सर्टिफिकेट कोर्सेस को भी लोन में शामिल किया जाता है।


4. लोन लेने की प्रक्रिया क्या है?

एजुकेशन लोन के लिए आवेदन करते समय निम्नलिखित दस्तावेजों की जरूरत होती है:

कॉलेज या यूनिवर्सिटी का एडमिशन लेटर

कोर्स का फीस स्ट्रक्चर

छात्र का पिछला शैक्षणिक रिकॉर्ड (जैसे 10वीं और 12वीं की मार्कशीट)

अभिभावक की इनकम प्रूफ, सैलरी स्लिप, आईटीआर (Income Tax Return)

पासपोर्ट, आधार कार्ड, पते का प्रमाण आदि। बैंक सभी दस्तावेजों की जांच करने के बाद लोन अप्रूव करता है।

5. ब्याज दर और भुगतान प्रक्रिया (Repayment Process)

एजुकेशन लोन की ब्याज दर आमतौर पर 7% से 12% के बीच होती है।

अगर छात्र किसी प्रतिष्ठित संस्थान जैसे IIT, IIM या NIT में पढ़ाई कर रहा है तो ब्याज दर और कम हो सकती है।

लोन का रीपेमेंट कोर्स पूरा होने के 6 महीने बाद शुरू होता है।

अगर नौकरी मिलने में देरी होती है, तो बैंक 1 साल तक की छूट भी दे सकता है।

आमतौर पर 5 से 7 साल में लोन चुकाना होता है, लेकिन कुछ मामलों में यह अवधि बढ़ाई भी जा सकती है।


एजुकेशन लोन के फायदे :

यह पर्सनल लोन की तुलना में सस्ता होता है।

टैक्स में छूट मिलती है (Income Tax Act की धारा 80E के तहत ब्याज पर छूट)।

पढ़ाई के दौरान या उसके तुरंत बाद लोन चुकाने का दबाव नहीं होता।

एजुकेशन लोन आज के समय में एक समझदारी भरा और सुलभ विकल्प बन चुका है। अगर आप या आपके बच्चे उच्च शिक्षा का सपना देख रहे हैं और पैसों की चिंता मन में है, तो एजुकेशन लोन लेकर उस सपने को साकार किया जा सकता है। सही जानकारी, सही प्लानिंग और समय पर दस्तावेज तैयार करने से यह प्रक्रिया और भी आसान हो जाती है।


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