Bank Account : Saving Account और Current Account में क्या फर्क है? समझे आसान भाषा में..!


जब हम बैंक में खाता खोलने जाते हैं, तो अक्सर यह सवाल हमारे मन में आता है – सेविंग अकाउंट (Saving Account) खोलें या करंट अकाउंट (Current Account)? दोनों ही बैंक खाते अपनी-अपनी जगह जरूरी हैं, लेकिन इनका उपयोग और फायदा अलग-अलग होता है। अगर आप भी इस कन्फ्यूजन में हैं, तो यहां हम आसान शब्दों में इन दोनों खातों का पूरा फर्क समझाएंगे... 

सेविंग अकाउंट क्या होता है?

सेविंग अकाउंट यानी बचत खाता। यह खाता उन लोगों के लिए होता है जो अपनी कमाई का कुछ हिस्सा सुरक्षित रखना चाहते हैं और उस पर ब्याज (interest) भी कमाना चाहते हैं। आमतौर पर स्टूडेंट्स, नौकरी करने वाले लोग, पेंशन पाने वाले बुजुर्ग इस खाते का इस्तेमाल करते हैं।

करंट अकाउंट क्या होता है?

करंट अकाउंट यानी व्यापारिक खाता। यह उन लोगों के लिए होता है जिन्हें अपने खाते से बार-बार और बड़ी रकम निकालने और जमा करने की जरूरत होती है। जैसे व्यापारी, दुकानदार, कंपनियां, संस्थान आदि।

सेविंग और करंट अकाउंट के बीच अंतर –

1. उद्देश्य :

सेविंग अकाउंट का मकसद होता है लोगों को पैसों की बचत के लिए प्रेरित करना और उस पर ब्याज दिलाना।

करंट अकाउंट का उद्देश्य होता है व्यापार या व्यवसाय से जुड़े लोगों को सुविधाजनक लेन-देन की सुविधा देना।

2. ब्याज :

सेविंग अकाउंट में जमा पैसों पर बैंक आपको ब्याज देता है, जो आमतौर पर 3% से 6% तक हो सकता है।

करंट अकाउंट में जमा पैसों पर कोई ब्याज नहीं मिलता।

3. लेन-देन की सुविधा :

सेविंग अकाउंट में रोजाना के ट्रांजैक्शन की एक लिमिट होती है। बहुत ज्यादा लेन-देन करने पर बैंक चार्ज भी ले सकता है।

करंट अकाउंट में लेन-देन की कोई सीमा नहीं होती। आप दिन में जितनी बार चाहें पैसे जमा या निकाल सकते हैं।

4. उपयोगकर्ता :

सेविंग अकाउंट उन लोगों के लिए है जो सैलरी पाते हैं, नौकरी करते हैं, स्टूडेंट्स हैं या आम आदमी हैं।

करंट अकाउंट खासकर बिजनेसमैन, दुकानदार, कंपनियों या संस्थाओं के लिए होता है।

5. मिनिमम बैलेंस :

सेविंग अकाउंट में बैंक की शर्तों के अनुसार थोड़ा सा बैलेंस (जैसे ₹500, ₹1000 या ₹5000) बनाए रखना होता है।

करंट अकाउंट में मिनिमम बैलेंस ज्यादा होता है, कई बार ₹10,000 से ₹25,000 तक या उससे भी ज्यादा।

6. बैंकिंग सुविधाएं :

सेविंग अकाउंट में ATM कार्ड, चेकबुक, मोबाइल बैंकिंग, पासबुक जैसी सामान्य सुविधाएं मिलती हैं।

करंट अकाउंट में इन सुविधाओं के अलावा ओवरड्राफ्ट की सुविधा, ज्यादा ट्रांजैक्शन लिमिट, कैश डिपॉजिट आदि सुविधाएं मिलती हैं।

7. ओवरड्राफ्ट सुविधा :

सेविंग अकाउंट में ओवरड्राफ्ट की सुविधा बहुत कम या विशेष परिस्थिति में मिलती है।

करंट अकाउंट में यह सुविधा अक्सर मिलती है, जिससे आप अपने खाते में पैसा न होने पर भी कुछ लिमिट तक पैसे निकाल सकते हैं।

8. उदाहरण से समझें :

अगर आप एक नौकरीपेशा व्यक्ति हैं जो महीने में 2-3 बार पैसे निकालते हैं और बचत करना चाहते हैं – तो सेविंग अकाउंट आपके लिए बेस्ट है।

अगर आप एक व्यापारी हैं और रोज पैसे का लेन-देन करते हैं, तो करंट अकाउंट आपके लिए जरूरी है।

करंट अकाउंट और सेविंग अकाउंट दोनों जरूरी हैं लेकिन अलग-अलग ज़रूरतों के हिसाब से। अगर आपकी प्राथमिकता पैसे बचाना और उस पर ब्याज कमाना है, तो सेविंग अकाउंट लीजिए। अगर आप व्यापार करते हैं और रोजाना बड़ी राशि का लेन-देन करते हैं, तो करंट अकाउंट आपके लिए बेहतर रहेगा।

तो अगली बार बैंक जाएं, तो कन्फ्यूजन नहीं – एक स्मार्ट फैसला लेकर सही खाता चुनें!


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