मोबाइल फोन से हो सकता है ब्रेन कैंसर? WHO ने दिया जवाब, जाने पुरी सच्चाई

Are Mobile Phones Linked To Brain Cell: क्या मोबाइल फोन के ज्यादा इस्तेमाल से ब्रेन कैंसर का खतरा रहता है। यह एक ऐसा सवाल है, जिसे हर एक स्मार्टफोन यूजर्स जानना चाहता है। लेकिन इस दावे में कितनी सच्चाई है? इस मामले में WHO से जानकारी दी है।
आज कल हर कोई स्मार्ट फोन इस्तेमाल करता है। शायद ही कोई ऐसा हो, जिसके हाथ में आपको इन दिनों मोबाइल नजर न आए। आजकल लोगों का ज्यादातर समय मोबाइल स्क्रीन के सामने गुजरता है। बच्चों से लेकर बड़े तक अक्सर इसका इस्तेमाल करते रहते हैं। हालांकि, जरूरत से ज्यादा मोबाइल का इस्तेमाल सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। मोबाइल फोन के इस्तेमाल से होने वाले नुकसान के बारे में हम सभी अक्सर कुछ न कुछ देखते या सुनते ही रहते हैं। जो एक हद तक सच भी है। लेकिन एक ऐसा दावा है कि मोबाइल फोन से ब्रेन कैंसर हो सकता है? ऐसे कई दावे ऑनलाइन देखने और सुनाने को मिल जाते हैं कि स्मार्टफोन से बच्चों और युवाओं को कैंसर का खतरा हो सकता है, लेकिन इस मामले में पूरी जानकारी नही मिल पाती है। यही वजह है कि पिछले लंबे समय से रिसर्चर वायरलेस गैजेट्स से निकलने वाली रेडियो वेब और उसके नुकसान पर रिसर्ज कर रहे हैं। इन रिपोर्ट पर WHO की ओर से जानकारी दी गई है। आइए जानते हैं क्या कहती है WHO की स्टडी 

क्या कहती है WHO की स्टडी की रिपोर्ट 
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के नई रिव्यू रिपोर्ट की अनुसार, ब्रेन कैंसर और मोबाइल फोन का कोई लिंक देखने को नहीं मिलता है। तो इसका मतलब साफ है कि स्मार्टफोन के ज्यादा इस्तेमाल से ब्रेन कैंसर के खतरे का दावा गलत है। WHO की ओर से साल 1994 से लेकर 2022 तक की जाने वाली 63 स्टडीज की ओर से ब्रेन कैंसर न होने का दावा किया गया है। वही रिपोर्ट एक तरफ मोबाइल फोन से ब्रेन कैंसर न होने का दावा करती है। तो वही, दूसरी तरफ ये बताती है कि रेडियोफ्रिक्वेंसी रेडिएशन को मानव शरीर काफी मात्रा में सोख लेता है, जिससे बर्न और बॉडी टिश्यू डैमेज होने का खतरा रहता है, लेकिन रेडियोफ्रिक्वेंसी रेडिएशन से ब्रेन कैंसर का खतरा नहीं है। 
स्मार्टफोन रेडिएशन के साइड इफेक्ट्स  
स्मार्टफोन रेडिएशन के कुछ साइड इफेक्ट्स होते हैं जिसका असर हमारे हेल्थ पर पड़ता है। जैसे स्मार्टफोन के रेडिएशन से नींद की समास्या होती है। वहीं मोबइल फोन का रेडिएशन मेटाबोलिक चेंजेस लाता है, जो गंभीर बीमारियों का करण बन सकता है। साथ ही रेडिएशन से स्पर्म क्वालिटी पर भी फर्क पड़ता है। जो इनफर्टिलिटी होने के खतरे को बढ़ा देता है। तो वहीं लगातार फोन पर बात करने से सिरदर्द और चक्कर की समस्या होती है।

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