शिक्षक दिवस 2024: क्यों 5 सितंबर को ही मनाया जाता है? जानिए इतिहास और इस साल की थीम
हमारे जीवन में शिक्षकों का बहुत महत्वपूर्ण स्थान होता है। वे बिना किसी स्वार्थ के हमें बेहतर इंसान बनाने और हमें जीवन में तरक्की करने की दिशा में लगातार मार्गदर्शन करते हैं। इसी योगदान के लिए हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस (Teacher’s Day) के रूप में मनाया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि 5 सितंबर को ही क्यों चुना गया? आइए जानते हैं इस दिन का इतिहास और 2024 की खास थीम।
5 सितंबर को ही क्यों मनाया जाता है शिक्षक दिवस?
भारत में 5 सितंबर का दिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन देश के महान शिक्षक और दार्शनिक डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म हुआ था। डॉ. राधाकृष्णन स्वतंत्र भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति थे। इसके साथ ही, वे एक बेहतरीन शिक्षक भी थे, जो अपने छात्रों के बीच काफी लोकप्रिय थे।
1962 में जब डॉ. राधाकृष्णन ने राष्ट्रपति का पद संभाला, तब उनके कुछ छात्रों ने उनका जन्मदिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाने का सुझाव दिया। डॉ. राधाकृष्णन ने खुशी-खुशी इस प्रस्ताव को स्वीकार किया और तभी से 5 सितंबर को उनके सम्मान में शिक्षक दिवस मनाया जाता है।
शिक्षक दिवस 2024 की थीम
हर साल शिक्षक दिवस की एक खास थीम होती है, जिसके जरिए शिक्षा से जुड़े अहम मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। इस साल 2024 की थीम है: "सतत भविष्य के लिए शिक्षकों को सशक्त बनाना" (Empowering Educators for a Sustainable Future)। इस थीम का उद्देश्य शिक्षकों को सशक्त बनाकर उन्हें भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करना है, ताकि वे आने वाली पीढ़ियों को भी बेहतर तरीके से तैयार कर सकें।
शिक्षक दिवस का महत्व
शिक्षक हमारे जीवन में मार्गदर्शक की भूमिका निभाते हैं। माता-पिता के बाद शिक्षक ही होते हैं, जो हमें सही रास्ता दिखाते हैं और हमें जीवन के हर मोड़ पर बेहतर फैसले लेने के लिए तैयार करते हैं। उनकी मेहनत और समर्पण के कारण ही हम जीवन में सफल हो पाते हैं। इसीलिए, शिक्षक दिवस एक ऐसा दिन है जब हम सभी अपने शिक्षकों के प्रति आभार व्यक्त करते हैं और उन्हें सम्मान देते हैं।
शिक्षक दिवस न केवल एक उत्सव है, बल्कि यह उन सभी शिक्षकों के प्रति सम्मान और आभार व्यक्त करने का अवसर भी है, जिन्होंने हमारे जीवन में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इस साल 2024 की थीम के साथ, यह दिन और भी खास हो जाता है, क्योंकि यह भविष्य के लिए शिक्षकों की भूमिका को और भी महत्वपूर्ण बनाता है।
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