होली: रंगों, कहानियों और उत्सव का त्योहार
होली सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि खुशियों का इंद्रधनुष है। यह रंगों से सराबोर होकर पुराने गिले-शिकवे मिटाने, रिश्तों को फिर से जोड़ने और जिंदगी में नई उमंग भरने का मौका देता है। यह पर्व न केवल रंगों की मस्ती से भरा होता है, बल्कि इसके पीछे छिपी पौराणिक कहानियाँ और परंपराएँ इसे और भी खास बनाती हैं। आइए जानते हैं होली का इतिहास, इसकी मान्यताएँ और इसे मनाने के सही तरीके। होली की पौराणिक कहानियाँ: जब अच्छाई की हुई जीत 1. प्रह्लाद और होलिका: बुराई पर अच्छाई की विजय हिरण्यकश्यपु, जो खुद को भगवान मानता था, अपने भक्त पुत्र प्रह्लाद से नाराज था क्योंकि वह विष्णु का उपासक था। उसने अपनी बहन होलिका की मदद से प्रह्लाद को जलाने की योजना बनाई, लेकिन हुआ उलटा—प्रह्लाद बच गया और होलिका जल गई। इस घटना से प्रेरणा लेकर होलिका दहन की परंपरा शुरू हुई, जो यह संदेश देती है कि बुराई कितनी भी शक्तिशाली क्यों न हो, सत्य की हमेशा जीत होती है। 2. शिव और कामदेव: इच्छाओं पर संयम की सीख जब भगवान शिव गहरी तपस्या में थे, तब देवताओं ने कामदेव को भेजा ताकि वे शिवजी की तपस्या भंग कर सकें। कामदेव ने अपनी शक्ति से वसंत ऋतु ...